उत्तर प्रदेश के आगरा के बड़ोस गांव में रविवार को लापता हुए आठ वर्षीय
किशन के सोमवार को टुकड़े मिले। दोनों हाथ और पैर उसके धड़ से अलग कर दिए
गए थे। हत्या के बाद टुकड़ों को तालाब के किनारे दबा दिया गया था। धड़ और
सिर अभी बरामद नहीं हुए हैं। रौंगटे खड़े कर देने वाले हत्याकांड ने
ग्रामीणों को हिला दिया है। कोई समझ नहीं पा रहा है कि इतनी बेरहमी से बालक
को किसने और क्यों मारा है। मामला बलि का तो नहीं। पुलिस इस नजरिए से भी
जांच कर रही है। देर रात तक बालक के सिर और धड़ की तलाश जारी थी।
बड़ोस गांव निवासी किशन पुत्र हरिओम प्राथमिक विद्यालय बड़ोस में कक्षा 3 का छात्र था। रविवार को छुट्टी थी। वह सुबह नौ बजे खेलने के लिए घर से बाहर आया था। दोपहर दो बजे चाची ललिता ने उसे देखा था। उसने चाची से बाजरे की रोटी बनाने को कहा था। दोपहर बाद जब वह खाना खाने नहीं आया तो घरवालों को चिंता हुई। घर के बाहर उसकी तलाश शुरू। पहले यही लगा कि किसी दोस्त के घर चला गया होगा। परिजन घर-घर उसकी तलाश में भटकते रहे। शाम होने पर उनकी चिंता बढ़ गई। देर रात तक तलाश में जुटे रहे।
चाचा हरवीर ने 100 नंबर पर किशन के लापता होने की सूचना भी दी। रात करीब नौ बजे पुलिस गांव में पहुंची। घर से 400 मीटर दूर तालाब है। उसके आस-पास बच्चे की तलाश की गई मगर वह नहीं मिला। रात करीब 2 बजे परिजन घर लौट आए। चाचा हरवीर ने बताया कि उनका चचेरा भाई अल्हा रात में गेहूं के खेत में पानी लगा रहा था। उसे तालाब के किनारे टॉर्च की रोशनी दिखाई दी थी। उसने यह जानकारी उन्हें दे थी। वे रात को दोबारा तालाब के पास पहुंचे थे। किशन को तलाशा था मगर वह नहीं मिला। सुबह करीब 8 बजे गांव की विमलेश देवी तालाब के किनारे उपले पाथने गई थी। उसकी नजर बाजरे के पास मिट्टी में दबे हाथ पर गई। यह देख उसकी चीख निकल पड़ी। शोर मचाया। ग्रामीण आ गए। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने बाजरे की भूसे के ढेर को पलटा तो बालक के कटे हुए हाथ दिखाई दिए। स्वेटर से उनकी पहचान किशन के हाथों के रूप में हुई। चीत्कार मच गया। कुछ दूरी पर दो पैर भी मिल गए। धड़ और सिर नहीं अभी नहीं मिला है।
साल 2019 में बिहार पुलिस ( ) में कई बदलाव होने जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर आईपीएस अफसरों को प्रोन्नति मिलेगी और तबादले भी तय माने जा रहे हैं। डीआईजी से डीजी रैंक तक के 10 अफसरों की प्रोन्नति इसी महीने हो सकती है हालांकि यह प्रभावी एक जनवरी से होगा। इसके अलावा भी एडीजी, आईजी, डीआईजी और एसपी रैंक में बड़े पैमाने पर तबादले के आसार जताए जा रहे हैं।
डीजी रैंक के बिहार में कुल छह पद हैं। इनमें तीन पद फिलहाल खाली हैं। डीजीपी केएस द्विवेदी के अलावा डीजी रैंक में सुनील कुमार और गुप्तेश्वर पाण्डेय हैं। सूत्रों के मुताबिक डीजी रैंक में प्रोन्नति के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक कई माह पहले हो चुकी है, लेकिन अभी इस पर स्वीकृति नहीं मिली है। वैसे बिहार में मौजूद एडीजी रैंक के अफसरों में सीनियरिटी के हिसाब से दिनेश सिंह बिष्ट, अरविंद पाण्डेय और एसके सिंघल इसके दावेदार हैं। यदि इस बीच केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से डीजी रैंक के कोई अफसर वापस बिहार लौटते हैं तो डीजी रैंक के खाली पड़े पदों की संख्या घट जाएगी। वहीं 1994 बैच के दो अफसर कुंदन कृष्णन और अमित कुमार जल्द ही एडीजी रैंक में प्रोन्नत होने वाले हैं। बताया जाता है कि डीपीसी की बैठक में दोनों नामों पर मुहर लग चुकी है। एडीजी में प्रोन्नति के लिए बतौर आईपीएस अधिकारी 25 वर्ष का सेवाकाल होना आवश्यक है। इनके अलावा डीआईजी से आईजी में प्रोन्नति के लिए विनोद कुमार (डीआईजी, दरंभगा) और सौरभ कुमार (डीआईजी, पूर्णिया) के नाम शामिल हैं। पटना के एसएसपी मनु महाराज समेत छह आईपीएस अफसर डीआईजी में प्रोन्नत होने वाले हैं। डीआईजी में प्रोन्नति के लिए डीपीसी की बैठक हो चुकी है और सूत्रों के मुताबिक इसमें 2005 बैच के बिहार में मौजूद सभी 11 नामों पर मुहर लग चुकी है। हालांकि सभी अधिकारियों को प्रोन्नति नहीं मिलेगी क्योंकि डीआईजी में प्रोन्नति के लिए सिर्फ छह पदों का ही क्लियरेंस मिला है। 2005 बैच के आईपीएस अफसरों में बिहार में मौजूद अधिकारियों में वरीयता क्रम के अनुसार क्षत्रनिल सिंह, मनु महाराज, सुनील कुमार नायक, राजेश त्रिपाठी, अशोक कुमार, नवल किशोर सिंह, प्रकाशनाथ मिश्र, रविन्द्र कुमार, परवेज अख्तर, राजीव रंजन और उमाशंकर प्रसाद हैं। बिहार पुलिस सेवा के चार अधिकारी बदले गए हैं जबकि एक अफसर की प्रतिनियुक्त को वापस विशेष शाखा में बुला लिया गया है। गृह विभाग ने सोमवार को तबादले की अधिसूचना जारी कर दी। अधिसूचना के मुताबिक पदस्थापना की प्रतीक्षा में रहे मो. अली अंसारी को पटना यातायात का डीएसपी वहीं महेश कुमार को पुलिस अवर सेवा आयोग में डीएसपी बनाया गया है। लखीसराय के पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) श्याम सुंदर प्रसाद कश्यप को पटना का पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस अवर सेवा आयोग में प्रतिनियुक्त डीएसपी पूनम केशरी को वापस विशेष शाखा में वापस बुला लिया गया है। इसके अलावा पटना पुलिस लाइन में हुए विवाद के बाद सुर्खियों में आए पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) मसलेहउद्दीन को लखीसराय का पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) बनाया गया है। पटना पुलिस लाइन की घटना के बाद मसलेहउद्दीन को पुलिस मुख्यालय में अटैच कर लिया गया था। अब उन्हें लखीसराय में पदस्थापित किया गया है। बिहार पुलिस को जल्द ही 120 नए डीएसपी मिलने वाले हैं। बीपीएससी द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को मंगलवार से नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 56वीं से 59वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर डीएसपी के लिए 120 अभ्यर्थियों के नामों की अनुशंसा गृह विभाग से की गई है। डीएसपी के पद पर चयनित इन अभ्यर्थियों को मंगलवार को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।
बड़ोस गांव निवासी किशन पुत्र हरिओम प्राथमिक विद्यालय बड़ोस में कक्षा 3 का छात्र था। रविवार को छुट्टी थी। वह सुबह नौ बजे खेलने के लिए घर से बाहर आया था। दोपहर दो बजे चाची ललिता ने उसे देखा था। उसने चाची से बाजरे की रोटी बनाने को कहा था। दोपहर बाद जब वह खाना खाने नहीं आया तो घरवालों को चिंता हुई। घर के बाहर उसकी तलाश शुरू। पहले यही लगा कि किसी दोस्त के घर चला गया होगा। परिजन घर-घर उसकी तलाश में भटकते रहे। शाम होने पर उनकी चिंता बढ़ गई। देर रात तक तलाश में जुटे रहे।
चाचा हरवीर ने 100 नंबर पर किशन के लापता होने की सूचना भी दी। रात करीब नौ बजे पुलिस गांव में पहुंची। घर से 400 मीटर दूर तालाब है। उसके आस-पास बच्चे की तलाश की गई मगर वह नहीं मिला। रात करीब 2 बजे परिजन घर लौट आए। चाचा हरवीर ने बताया कि उनका चचेरा भाई अल्हा रात में गेहूं के खेत में पानी लगा रहा था। उसे तालाब के किनारे टॉर्च की रोशनी दिखाई दी थी। उसने यह जानकारी उन्हें दे थी। वे रात को दोबारा तालाब के पास पहुंचे थे। किशन को तलाशा था मगर वह नहीं मिला। सुबह करीब 8 बजे गांव की विमलेश देवी तालाब के किनारे उपले पाथने गई थी। उसकी नजर बाजरे के पास मिट्टी में दबे हाथ पर गई। यह देख उसकी चीख निकल पड़ी। शोर मचाया। ग्रामीण आ गए। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने बाजरे की भूसे के ढेर को पलटा तो बालक के कटे हुए हाथ दिखाई दिए। स्वेटर से उनकी पहचान किशन के हाथों के रूप में हुई। चीत्कार मच गया। कुछ दूरी पर दो पैर भी मिल गए। धड़ और सिर नहीं अभी नहीं मिला है।
साल 2019 में बिहार पुलिस ( ) में कई बदलाव होने जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर आईपीएस अफसरों को प्रोन्नति मिलेगी और तबादले भी तय माने जा रहे हैं। डीआईजी से डीजी रैंक तक के 10 अफसरों की प्रोन्नति इसी महीने हो सकती है हालांकि यह प्रभावी एक जनवरी से होगा। इसके अलावा भी एडीजी, आईजी, डीआईजी और एसपी रैंक में बड़े पैमाने पर तबादले के आसार जताए जा रहे हैं।
डीजी रैंक के बिहार में कुल छह पद हैं। इनमें तीन पद फिलहाल खाली हैं। डीजीपी केएस द्विवेदी के अलावा डीजी रैंक में सुनील कुमार और गुप्तेश्वर पाण्डेय हैं। सूत्रों के मुताबिक डीजी रैंक में प्रोन्नति के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक कई माह पहले हो चुकी है, लेकिन अभी इस पर स्वीकृति नहीं मिली है। वैसे बिहार में मौजूद एडीजी रैंक के अफसरों में सीनियरिटी के हिसाब से दिनेश सिंह बिष्ट, अरविंद पाण्डेय और एसके सिंघल इसके दावेदार हैं। यदि इस बीच केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से डीजी रैंक के कोई अफसर वापस बिहार लौटते हैं तो डीजी रैंक के खाली पड़े पदों की संख्या घट जाएगी। वहीं 1994 बैच के दो अफसर कुंदन कृष्णन और अमित कुमार जल्द ही एडीजी रैंक में प्रोन्नत होने वाले हैं। बताया जाता है कि डीपीसी की बैठक में दोनों नामों पर मुहर लग चुकी है। एडीजी में प्रोन्नति के लिए बतौर आईपीएस अधिकारी 25 वर्ष का सेवाकाल होना आवश्यक है। इनके अलावा डीआईजी से आईजी में प्रोन्नति के लिए विनोद कुमार (डीआईजी, दरंभगा) और सौरभ कुमार (डीआईजी, पूर्णिया) के नाम शामिल हैं। पटना के एसएसपी मनु महाराज समेत छह आईपीएस अफसर डीआईजी में प्रोन्नत होने वाले हैं। डीआईजी में प्रोन्नति के लिए डीपीसी की बैठक हो चुकी है और सूत्रों के मुताबिक इसमें 2005 बैच के बिहार में मौजूद सभी 11 नामों पर मुहर लग चुकी है। हालांकि सभी अधिकारियों को प्रोन्नति नहीं मिलेगी क्योंकि डीआईजी में प्रोन्नति के लिए सिर्फ छह पदों का ही क्लियरेंस मिला है। 2005 बैच के आईपीएस अफसरों में बिहार में मौजूद अधिकारियों में वरीयता क्रम के अनुसार क्षत्रनिल सिंह, मनु महाराज, सुनील कुमार नायक, राजेश त्रिपाठी, अशोक कुमार, नवल किशोर सिंह, प्रकाशनाथ मिश्र, रविन्द्र कुमार, परवेज अख्तर, राजीव रंजन और उमाशंकर प्रसाद हैं। बिहार पुलिस सेवा के चार अधिकारी बदले गए हैं जबकि एक अफसर की प्रतिनियुक्त को वापस विशेष शाखा में बुला लिया गया है। गृह विभाग ने सोमवार को तबादले की अधिसूचना जारी कर दी। अधिसूचना के मुताबिक पदस्थापना की प्रतीक्षा में रहे मो. अली अंसारी को पटना यातायात का डीएसपी वहीं महेश कुमार को पुलिस अवर सेवा आयोग में डीएसपी बनाया गया है। लखीसराय के पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) श्याम सुंदर प्रसाद कश्यप को पटना का पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस अवर सेवा आयोग में प्रतिनियुक्त डीएसपी पूनम केशरी को वापस विशेष शाखा में वापस बुला लिया गया है। इसके अलावा पटना पुलिस लाइन में हुए विवाद के बाद सुर्खियों में आए पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) मसलेहउद्दीन को लखीसराय का पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) बनाया गया है। पटना पुलिस लाइन की घटना के बाद मसलेहउद्दीन को पुलिस मुख्यालय में अटैच कर लिया गया था। अब उन्हें लखीसराय में पदस्थापित किया गया है। बिहार पुलिस को जल्द ही 120 नए डीएसपी मिलने वाले हैं। बीपीएससी द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को मंगलवार से नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 56वीं से 59वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर डीएसपी के लिए 120 अभ्यर्थियों के नामों की अनुशंसा गृह विभाग से की गई है। डीएसपी के पद पर चयनित इन अभ्यर्थियों को मंगलवार को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।
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