एक और सोच जो बलात्कार को लेकर है, उसके मुताबिक़ केवल लड़कियां और महिलाएं ही बलात्कार की शिकार होती है. परेशान करने वाली बात है कि जो मर्द अपने बचपन में यौन हिंसा और उत्पीड़न के शिकार हुए, वो इस दु:खद अनुभव को रेप मानने से इनकार करते रहते हैं.ऑनलाइन सर्वे में बलात्कार पीड़ित मर्दों में से केवल 24 फ़ीसद ने माना कि उनके साथ रेप हुआ था. कैलिफ़ोर्निया के रहने वाले मैथ्यू हेस इस की मिसाल हैं. कई साल तक वो अ पनी गर्लफ्रैंड की ज़बरदस्ती को बलात्कार मानने से इनकार करते रहे. जबकि मैथ्यू की गर्लफ्रैंड अक्सर धमकी देकर उनके साथ सेक्स किया करती थी. ज़्यादातर मौक़ों पर मैथ्यू की ग र्लफ्रैंड ख़ुद को नुक़सान पहुंचाने की ध मकी देकर यौन संबंध बनाती थी. मगर एक बार तो उसने मैथ्यू के साथ बंदूक की नोंक पर बलात्कार किया. मैथ्यू ने जब ये बात अपने दोस् त को बताई, तो उस दोस्त ने मैथ्यू को स मझाया कि उसकी गर्लफ्रैंड जो कर रही है, वो प्यार नहीं, ज़बरदस्ती है. मैथ्यू के बलात् कार पीड़ित होने से इनकार करते रहने की बड़ी वजह, सा माजिक सोच रही. वो सोच जो ये मानने से ही इनकार करती है कि मर्द भी बलात्